रविवार 3 अगस्त 2025 - 09:36
अमेरिकी टैरिफ और प्रतिबंधों का असली मकसद/इजरायल को मान्यता दिलवाना है अल्लामा सैयद जवाद नक़वी

हौज़ा / तहरीक ए बेदारी उम्मत-ए-मुस्तफा के प्रमुख ने लाहौर में संबोधन करते हुए कहा कि इजरायल को मान्यता देने का हमारे शासकों का इरादा अपनी जगह, मगर फैसला कहीं और से होता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुस्लिम देशों ने यह साजिश स्वीकार कर ली तो यह गाजा के शहीदों के साथ गंभीर विश्वासघात होगा और यह युद्ध बंदूकों से नहीं बल्कि धोखे और समझौतों से लड़ा जाएगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,तहरीक ए बेदारी उम्मत-ए-मुस्तफा के प्रमुख अल्लामा सैयद जवाद नकवी ने लाहौर में संबोधन करते हुए कहा कि अधिकतर मुस्लिम देश इस समय अमेरिका की छत्रछाया में आर्थिक और राजनीतिक गुलामी की ओर धकेले जा रहे हैं।

जहां प्रतिबंध और व्यापारिक समझौते सिर्फ एक मकसद के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं वह है इजरायल को पूरी दुनिया खासकर मुस्लिम दुनिया से मान्यता दिलवाना। 

उन्होंने कहा कि हालिया घोषणा कि ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और अन्य देश फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे रहे हैं, असल में एक गहरा धोखा है। यह फिलिस्तीनियों का समर्थन नहीं, बल्कि इजरायल को कानूनी हैसियत दिलवाने की चाल है। 

उन्होंने याद दिलाया कि 1948 से अब तक फिलिस्तीनी राज्य महज वादों तक सीमित है, जबकि इजरायल ताकतवर बन चुका है। अब सितंबर में संयुक्त राष्ट्र में एक काल्पनिक फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी जाएगी, ताकि इजरायल को मजबूत किया जा सके। 

उन्होंने कहा कि ट्रम्प और उनके समर्थक मुस्लिम देशों को कर्ज, तेल और व्यापारिक समझौतों के जरिए उस दहलीज पर ला चुके हैं जहां इजरायल को मान्यता देनी पड़ेगी हमारे शासकों का इरादा अपनी जगह मगर फैसला कहीं और से होता है। 

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुस्लिम देशों ने यह साजिश स्वीकार कर ली तो यह गाजा के शहीदों के साथ गंभीर विश्वासघात होगा और यह युद्ध बंदूकों से नहीं, बल्कि धोखे और समझौतों से लड़ा जाएगा।

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